सुपरटेक2 के सॉफ्ट से गिरे दोनों बच्चों के लिए दुआ कीजिए, इनकी हालत आपको रूला देगी

दिल्ली NCR
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सेंट जेवियर्स स्कूल के छात्र हैं दोनों बच्चे

बिल्डर की बड़ी लापरवाही ने एक नहीं दो परिवारों की जिंदगी उजाड़ कर रख दी। दोनों बच्चे जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। दोनों बच्चों का परिवार सदमे में है। दोनों परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। समझ नहीं आ रहा है कि करें तो आखिर क्या।

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पूरा मामला क्या है ?

मामला सुपरटेक ईकोविलेज-2(Supertech Ecovillage-2) के B-6 टावर का है। 12 साल के सिद्धार्थ और 10 साल के अविक दोनों मौसेरे भाई हैं। सिद्धार्थ ईकोविलेज2 में अपने फैमिली के साथ रहता है जबकि अविक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ही गैलेक्सी वेगा का रहने वाला है। मंगलवार की देर शाम अविक परिवार समेत अपने भाई सिद्धार्थ के यहां गया। दोनों बच्चे ईकोविलेज-2 के B-6 टावर के कॉरिडोर में क्रिकेट खेलने लगे। कॉरिडोर का सॉफ्ट कार्डबोर्ड से ढका हुआ था। बच्चे दौड़-भाग कर रहे थे। दौड़ते दौड़ते अविक का पैर स्लिप हो गया और वो सॉफ्ट की तरफ गिरने लगा। सिद्धार्थ अविक को बचाने दौड़ा और वो भी 9वीं मंजिल से नीचे बेसमेंट में गिर गया। दोनों बच्चों के गिरने से टावर में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दोनों को नोएडा सेक्टर-71 के कैलाश हॉस्पिटल एडमिट(KAILASH HOSPITAL) करवाया गया।

सिद्धार्थ

कैसी है दोनों बच्चों की हालत ?

अविक और सिद्धार्थ के मामा संदीप से जब खबरी मीडिया की टीम ने बात की तो रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्चाई सामने आई। संदीप के मुताबिक सिद्धार्थ की हालात ज्यादा नाजुक है। सिद्धार्थ के ब्रेन की कई हड्डियां टूट गई है, स्पाइनल कार्ड डैमेज है, फेफड़े में खून जम गया है। वहीं अविक की बॉडी में में कई फ्रैक्चर्स हुए हैं और वो भी डॉक्टर की निगरानी में है।

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अविक

कहां पढ़ते दोनों बच्चे ?

सिद्धार्थ और अविक दोनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेंट जेवियर्स स्कूल के छात्र हैं। सिद्धार्थ 8B का स्टूटेंड है जबकि अविक 5C का स्टूडेंट है। दोनों परिवार बिहार के रक्सौल और पटना के रहने वाले हैं। सिद्धार्थ के पिता प्राइवेट जॉब में है जबकि अविक के पिताजी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

सिद्धार्थ
अविक

बिल्डर ने नहीं ली सुध

संदीप के मुताबिक सुपरटेक की तरफ से इन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं दी गई। हां खाना-पूर्ति करने के लिए हॉस्पिटल में सुपरटेक का कोई अधिकारी इनसे मिलने आया था और सांत्वना देकर चला गया। आर्थिक मदद की कोई बात नहीं की।

क्या चाहता है परिवार ?

पीड़ित परिवार यही चाहता है कि पुलिस-प्रशासन बिल्डर के खिलाफ सख्त एक्शन ले ताकि दूसरे बच्चों की जान से खिलवाड़ ना हो सके।

ऐसी लापरवाही क्यों ?

रिपोर्ट के मुताबिक ना सिर्फ सुपरटेक बल्कि नोएडा एक्सटेंशन के ज्यादातर बिल्डर फ्लैट खरीदारों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं लेकिन सुविधाओं के नाम पर शून्य हैं। कहीं बिल्डिंग क्वालिटी खराब है तो कहीं सॉफ्ट खुले हुए हैं, कही जगहों पर पोडियम में लोहे की ग्रिल भी नहीं लगी है। ऐसे में कोई भी हादसे का शिकार हो सकता है। और उसकी जान पर बन सकती है।

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