Paralympics 2024

Paralympics 2024: सुमित अंतिल ने रिकॉर्ड के साथ लगातार दूसरी बार जीता गोल्ड

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Paralympics 2024: सुमित अंतिल का कमाल, पैरालंपिक में बैक टू बैक हासिल किए गोल्ड मेडल

Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक्स 2024 बड़ी और खुश कर देने वाली खबर सामने आ रही है। भारत के स्टार पैरा जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल (Sumit Antil) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympic) में गोल्ड (Gold Medal) जीतकर इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि पैरा जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने पेरिस में पैरालिंपिक में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा। उन्होंने टोक्यो 2020 में बनाए गए F64 वर्ग के खेलों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अपने पहले ही प्रयास में 69.04 मीटर थ्रो कर दिया। इसके बाद उनका अगला थ्रो 70.59 मीटर दूर जाकर गिरा और उन्होंने पैरालिंपिक (Paralympics) में नया रिकॉर्ड बना दिया, जिससे तालिका में शीर्ष पर उनकी स्थिति और भी मजबूत हो गई। निशानेबाज अवनि लेखरा के बाद अंतिल पैरालिंपिक खिताब बचाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।
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जानिए सुमित अंतिल को

हरियाणा के सोनीपत (Sonepat) के खेवड़ा गांव में जन्मे सुमित अंतिल भारत के शीर्ष भाला फेंक एथलीटों में से एक हैं। सुमित अंतिल का जन्म 7 जून 1988 को खेवड़ा, सोनीपत , हरियाणा में निरमाला देवी और राम कुमार अंतिल के घर हुआ था। सुमित के पिता, भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे, सुमित जब 7 साल के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था। उनकी मां ने दुर्घटना के बाद उन्हें खेलकूद में जाने के लिए सहारा दिया। सुमित की तीन बहनें हैं, किरण, सुशीला और रेणु।

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पहले तो सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और भारतीय सेना में जाना चाहते थे। सुमित जब 17 साल के थे तब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज़ रफ़्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जब वे ट्यूशन क्लास से वापस आ रहे थे। इससे उनका बायां पैर काटना पड़ा और उन्हें पहलवान बनने का सपना छोड़ना पड़ा। सुमित को बाद में पैरा चैंपियंस कार्यक्रम के माध्यम से गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थन दिया गया। देव ऋषि सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोनीपत में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, सुमित अंतिल को पैरा एथलेटिक्स से एक दूसरे पैरा एथलीट राजकुमार द्वारा परिचित कराया गया। उन्होंने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। इस भीषण हादसे के बाद भी सुमित के अंदर खेल के लिए जो जुनून था वह बिलकुल भी कम नहीं हुआ और पैरा एथलीट के रूप में उन्होंने देश का नाम रौशन किया।

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Pic Social Media

ओलंपिक्स में भी जलवा दिखाना चाहते हैं सुमित

सुमित का अब एक ही सपना है की पैरालिंपिक के बाद वो अब ओलंपिक्स में अपने जलवा दिखा सकें और जिस हिसाब से उन्होंने पैरालिंपिक के सारे रिकॉर्ड तोड़े है, उनका ये सपना जल्द ही पूरा हो सकता है।

फाइनल में सुमित अंतिल का शानदार प्रदर्शन

पहला थ्रो- 69.11 मीटर
दूसरा थ्रो- 70.59 मीटर
तीसरा थ्रो- 66.66 मीटर
चौथा थ्रो- फाउल
पांचवां थ्रो- 69.04 मीटर
छठा थ्रो- 66.57 मीटर

पेरिस पैरालंपिक 2024 में इन्होंने जीता पदक

मनीष नरवाल (शूटिंग)- सिल्वर मेडल, मेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)

मोना अग्रवाल (शूटिंग)- ब्रॉन्ज मेडल, …

योगेश कथुनिया (एथलेटिक्स)- सिल्वर मेडल, मेन्स डिस्कस थ्रो (F56)

प्रीति पाल (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 100 मीटर रेस (T35)

रुबीना फ्रांसिस (शूटिंग)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)

अवनि लेखरा (शूटिंग)- गोल्ड मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (SH1)

प्रीति पाल (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 200 मीटर रेस (T35)

थुलासिमथी मुरुगेसन (बैडमिंटन)- सिल्वर मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SU5)

निषाद कुमार (एथलेटिक्स)- सिल्वर मेडल, मेन्स हाई जंप (T47)

नितेश कुमार (बैडमिंटन)- गोल्ड मेडल, मेन्स सिंगल्स (SL3)

मनीषा रामदास (बैडमिंटन)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SU5)

सुमित अंतिल (एथलेटिक्स)- गोल्ड मेडल, मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ 64 वर्ग)

सुहास एल यथिराज (बैडमिंटन)- सिल्वर मेडल, मेन्स सिंगल्स (SL4)

शीतल देवी-राकेश कुमार (तीरंदाजी)- ब्रॉन्ज मेडल, मिक्स्ड कंपाउंड ओपन