Supertech ट्विन टावर गिराने के 1 साल बाद भी शोर क्यों?

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उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया

Noida News: सुपरटेक का ट्विन टावर(Twin Tower) कभी भारत की सबसे ऊंची बिल्डिंगों में जिसकी गिनती होती थी, उसको ज़मीदोज़ हुए एक साल से ज्यादा हो गए। 28 अगस्त 2022 यही वो दिन था सुपरटेक के नोएडा सेक्टर 93A में मौजूद अपेक्स और सियान दोनों विवादित टावरों को 10 सेकेंड के अंदर ध्वस्त कर दिया गया था। एक साल पूरा होने पर सोसाइटी के लोगों ने जमकर खुशी मनाई। ट्विन टावर को लेकर सोसाइटी वालों का कहना है कि खाली पड़ी जमीन पर बिल्डर का कोई हक नहीं है। अब अगली लड़ाई इस खाली जमीन पर कानूनी रूप से हक लेने की है। आपको बता दें जिस जगह पर ट्विन टावर खड़ा था उस जगह का नाम विजय पथ रख दिया है। और इस ज़मीन पर जमकर पौधारोपण किया जा रहा है।

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आरोप है कि बिल्डर और नोएडा प्राधिकरण की साठगांठ से सोसाइटी परिसर में ट्विन टावर खड़े हुए थे। एओए की तरफ से साल 2012 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। साल 2014 मार्च में हाईकोर्ट ने इनको ध्वस्त करने का आदेश दिया। इसके खिलाफ बिल्डर सुप्रीम कोर्ट चला गया। सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2021 में इनको ध्वस्त करने के आदेश दिया। इसके बाद 28 अगस्त 2022 को ट्विन टावर ध्वस्त कर दिए गए।
टावर ध्वस्त होने के बाद इनके पास सबसे नजदीक बने एस्पायर-1, 2 सहित कुछ और टावर में रहने वाले करीब 150 फ्लैट वालों को साफ हवा और पर्याप्त रोशनी मिलने लगी। पहले यहां की बालकनी बंद हो गई थीं। हर समय अंधेरा रहता था। सोमवार को ट्विन टावर और सोसाइटी के अन्य टावर के बीच बनाए गए विजय पथ पर लोग खुशियां मनाते नजर आए। लोगों ने कहा कि विजय पथ याद दिलाता रहेगा कि सत्य की हमेशा जीत होती है। विजय पथ बनाया सोसाइटी की एओए के अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा कि सोसाइटी वालों की सहमति से ही इस रास्ते का नाम विजय पथ रखा गया। इसको नौ मीटर चौड़ा बनाया गया है। यह कॉमन एरिया का हिस्सा है।
ट्विन टावर की जमीन को लेकर शुरू हुआ है विवाद
अब टावर की जगह खाली पड़ी जमीन को लेकर बिल्डर-एओए के बीच टकराव बना हुआ है। दोनों पक्ष इस जमीन पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं। एओए ने बीते दिनों इस जमीन पर पौधरोपण करना चाहा, जिसको नोएडा प्राधिकरण ने नोटिस देकर रुकवा दिया था। सोसाइटी वालों का कहना है कि खाली जमीन पर हमारा हक है, इसको लेकर रहेंगे।

एओए के अध्यक्ष उदयभान सिंह ने बताया कि ट्विन टावर के बने होने पर इनके आसपास के टावर में फ्लैट के रेट पांच हजार रुपये स्क्वायर फीट थी। टावर ध्वस्त होने के बाद संबंधित टावर के फ्लैट में हवा से लेकर पर्याप्त रोशनी मिलने लगी। ऐसे में फ्लैट के रेट 10 हजार रुपये स्क्वायर फीट हो गए हैं। एओए के अध्यक्ष ने बताया कि प्राधिकरण की ओर से भरोसा दिया गया है कि वह इस खाली जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण के लिए रिवाइज्ड प्लान मंजूर नहीं कर रहे हैं। यह भी एक तरफ से सोसाइटी के लोगों की जीत है। इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। चार-पांच महीने से विजिलेंस ने प्राधिकरण से कोई जानकारी भी नहीं मांगी है।
सोसाइटी के लोग इस्तेमाल करेंगे एओए
सोसाइटी की एओए के अध्यक्ष का कहना कि उच्चतम न्यायालय के आदेश, यूपी अपार्टमेंट एक्ट के तहत इस जमीन पर बिल्डर का कोई हक नहीं है। सोसाइटी वाले इसका इस्तेमाल करेंगे। लोग अपना हक लेकर रहेंगे।

इस मामले में प्राधिकरण कानूनी राय लेगा
इस बारे में नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बिल्डर की तरफ से खाली जमीन को लेकर कोई रिवाइज्ड प्लान नहीं दिया गया है। इस जमीन पर किसका हक है, इसको लेकर कानूनी राय लेंगे।

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