दूरदर्शी सोच, मजबूत इरादे, बढ़ते क़दम..ये हैं अनिल बलूनी

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Jyoti Shinde,Editor,khabrimedia.com

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सांसद अनिल बलूनी की दूरदर्शी सोच, एक बार फिर राज्य के विकास के लिए रामबाण साबित होगा। उत्तराखंड के जंगलों को झुलसाने वाली आग की विनाशलीला पर रोक लगाने के लिए अनिल बलूनी 12 जून को नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी से मुलाकात की साथ ही हिमालयी राज्यों के वनों में, खासकर उत्तराखंड में, बार-बार आग लगने की समस्या और इससे होने वाले भारी नुकसान को लेकर बड़ी चिंता जताई। नीति आयोग ने भरोसा दिया कि वो पर्यावरण और वन, वित्त और गृह मंत्रालयों के साथ मिलकर एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बना कर इस समस्या का समाधान निकालने की पूरी कोशिश करेगा।

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की भयावह घटना से राज्य को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इससे पर्यावरण को जो नुकसान हो रहा है वो अलग से। इसमें कोई शक नहीं कि जंगल उत्तराखंड की खूबसूरती की बुनियाद हैं. इसी पर यहां का पूरा सांस्कृतिक, आर्थिक और पूरा सामाजिक ढांचा टिका है. लेकिन आग की धधकती घटना के आगे हर कोई बेबस नजर आता है। 

ऐसा नहीं है कि लोकसभा सांसद बनने के बाद अनिल बलूनी ज्यादा एक्टिव हो गए हैं। अनिल बलूनी ने अपने राज्यसभा के कार्यकाल में अनिल बलूनी ने विकास से संबंधित तमाम काम करवाए हैं।

अनिल बलूनी ने गढ़वाल में तारामंडल और माउंटेन की स्थापना कराई साथ ही अपनी सांसद निधि से ₹15 करोड़ खर्च भी की। इसके अलावा उन्होंने कोटद्वार से दिल्ली के बीच सुगम रेल सेवा की मांग की जनअपेक्षाओं का सम्मान करते हुए दिल्ली-कोटद्वार रात्रि ट्रेन का शुभारंभ किया और इसका संचालन शुरू कराया।

अनिल बलूनी ने कोटद्वार से दिल्ली तक सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई साथ ही टनकपुर से दिल्ली तक पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस का का संचालन शुरू कराने में अहम भूमिका निभाई। बलूनी ने देहरादून से काठगोदाम तक नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस संचालन शुरू कराया साथ ही टनकपुर से प्रयागराज जाने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस का खटीमा में स्टॉपेज सुनिश्चित कराया। ये अनिल बलूनी ही हैं जिन्होंने काशीपुर से धामपुर तक नई रेल लाइन के लिए प्रयास किये। जिसके सर्वे के लिए एक करोड़ 45 लाख रुपए की स्वीकृति हो चुकी है। इस नई रेल लाइन से काठगोदाम से देहरादून की दूरी लगभग 50 किलोमीटर कम होगी और लगभग 2 घंटे का समय बचेगा।

कोरोना काल में जब पूरा देश ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी झेल रहा था, अनिल बलूनी ने इस समय देवदूत की भूमिका निभाई और राज्य सरकार को तीन ट्रक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया साथ ही ऑक्सीजन प्लांट की खेप राज्य सरकार को भेंट की।

अनिल बलूनी ने बड़ी मात्र में ऑक्सीजन कंसंटेटर, ऑक्सीमीटर समेत कई अन्य मेडिकल उपकरण प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मुहैया कराया। इसके अलावा भी उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए तमाम कार्य किए जिसमें प्रधानमंत्री जी की विशेष निधि से मसूरी के लिए 187 करोड़ रुपये की पेयजल योजना की स्वीकृति प्रदान करवाना शामिल है। यही नहीं प्रदेश में पलायन रोकने के लिए अपना गाँव-अपना वोट अभियान चलाया।

केंद्र सरकार के सहयोग से अनिल बलूनी ने लैंसडाउन, सुरकंडा, मुकतेश्वर में डॉप्लर रडार स्थापित करने के लिए प्रयास किये और इन सभी क्षेत्रों में डॉप्लर रडार का संचालन भी शुरू कराया। नतीजा रामनगर के निकट धनगढ़ी पुल का स्वीकृत कराया जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। अनिल बलूनी की कोशिशों की ही नतीजा है कि कुमाऊं मंडल में एम्स के एक परिसर की स्थापना के लिए प्रयास किया जिसका कार्य प्रगति पर है।

अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के लिए 24 घंटे का अपना दूरदर्शन चैनल की संचालन की शुरुआत करवाई। साथ ही फरीदाबाद से कोटद्वार और रामनगर के लिए हरियाणा रोडवेज बस सेवा शुरू कराने में अहम भूमिका निभाई। बलूनी ने प्रदेश के सोलह हजार विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को मान्यता को मंजूरी दिलवाई। यही नहीं सेना और अर्ध सेना के छावनियों में बने चिकित्सा केन्द्रों में प्रदेश की जनताओं की उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई। इन केन्द्रों में जनता को इलाज के साथ निशुल्क दवा देने की सुविधा भी प्रदान करवाई गई।