CM Pushkar Singh Dhami

Uttrakhand: CM धामी के मुख्यमंत्री के रूप में 3 साल पूरे..बोले जनहित में लिए कई फैसले

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Uttrakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे कर लिए हैं। धामी सरकार (Dhami Sarkar) ने आज तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन तीन सालों में मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक सहिंता (Uniform Civil Code) को लागू करने सहित नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून जैसे कई बड़े फैसले लिए तो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) के माध्यम से प्रदेश में बड़े निवेश को भी आकर्षित करने में सफलता पाए। मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल के 3 वर्ष पूकरे होने पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर आज सुबह से ही #DhakadDhamike3saal ट्रेंडिंग कर रहा है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 4 जुलाई 2021 को पहली बार बीजेपी (BJP) हाईकमान ने राज्य का सीएम बनाया था। युवा धामी के चयन और नेतृत्व क्षमता को लेकर तब तमाम तरह की अटकलों और चर्चाएं हुए लेकिन दृढ़ इरादों के पक्के धामी ने अपने छोटे से कार्यकाल से ही तब दर्शा दिया था कि वे लंबी रेस के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं। नतीजा, सीएम धामी के नेतृत्व में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्य की सत्ता में लगातार दूसरी बार कोई दल ने वापसी की।

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सीएम धामी ने अपनी दूसरी इनिंग की शुरुआत करने से पहले ही जनता जनार्दन से सत्ता में आने पर समान नागरिक सहिंता को लागू करने का वादा किया और इस साल सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों से पहले धामी ने इस फैसले को धरातल पर उतारते हुए देश में वो कर दिखाया जो आज तक किसी राज्य ने नहीं किया है। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया। आज मुख्यमंत्री धामी ने सीएम के रूप में तीन साल पूरे किये तो सुबह से ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर समान नागरिक संहिता सहित तमाम ऐतिहासिक निर्णय x पर ट्रेंड करते रहे।

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सीएम धामी के इन निर्णयों की होती रही चर्चा

समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखंड बना।
प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून बनाया गया और लागू भी किया गया।
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए धर्मांतरण कानून लागू।
प्रदेश में दंगारोधी कानून।
लैंड जेहाद पर एक्शन देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया गया। लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है।
सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण।
राज्य आंदोलनकारियों और उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला।
राज्य में फ्री जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है।
आयुष्मान योजना के अनुसार उत्तराखंड में इस योजना के तहत 55 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं जा चुके हैं, जिसमें से 9 लाख 11 हजार मरीजों का फ्री उपचार हो रहा है।
उत्तराखंड नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बना।
नारी सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपए की सब्सिडी दी जा रही है।
उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में विभिन्न देशों के उद्योगपतियों द्वारा 3.56 लाख करोड़ के 1,779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। राज्य सरकार 20 फीसदी करार को धरातल पर उतार चुकी है।