Toll Tax

Toll Tax: गाड़ी वाले दें ध्यान..इतने किलोमीटर तक नहीं लगेगा कोई टोल टैक्स

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Toll Tax में हुआ बड़ा बदलाव, अब …इतने किलोमीटर तक नहीं देना होगा टोल

Toll Tax: हर कोई चाहता है कि वह जो भी सफर करे वह आरामदायक हो इसलिए ज्यादातर लोग एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए अपनी कार का ही प्रयोग करते हैं। नेशनल हाइवे (National highway) पर यात्रा करने के दौरान आपको टोल टैक्स देना पड़ता है। आपको बता दें कि एक्सप्रेस वे, ब्रिज, टनल और नेशनल या स्टेट हाइवे का प्रयोग करने और उनके मेंटेनेंस के लिए भारत सरकार वाहनों से टोल टैक्स वसूलती (Government of India Collects Toll Tax from Vehicles) है।

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आजकल लोग पेट्रोल के बढ़ते दाम से परेशान हैं तो वहीं दूसरी और उन्हें महंगे टोल टैक्स देने की चिंता सताती रहती है। ड्राइवरों की चिंता को कम करने के लिए सरकार ने टोल कलेक्शन में बड़ा बदलाव किया है। जिसमें प्राइवेट वाहन चालकों को अब 20 किलोमीटर तक हाइवे या एक्सप्रेस वे (expressway) पर चलने के लिए किसी तरह का टोल टैक्स (toll tax) नहीं देना पड़ेगा। इससे वाहन चालकों को काफी राहत मिल जाएगी। अब इससे यह लाभ होगा कि इस नए नियम के लागू होने से उन लोगों को राहत मिलेगी, जिनका घर टोल प्लाजा के आसपास है और हर दिन किसी न किसी काम से हाईवे या एक्सप्रेस वे से गुरजरते हैं। आइए जानते हैं इस नए नियम (toll tax rules) के बारे में विस्तार से

जानिए टोल का नया सिस्टम

टोल टैक्स के लिए नए नियम तैयार किए गए हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस बारे में सूचना दी है। जारी की गई ऑफिशियल नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (Global Navigation Satellite System) से लैस प्राइवेट वाहनों (Private Vehicles) को 20 किलोमीटर तक के सफर के लिए टोल टैक्स नहीं देना होगा।

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नेशनल परमिट रखने वाले वाहनों (toll on vehicles having national permit) को छोड़कर प्राइवेट वाहन चाहक या मालिक नेशनल हाईवे, परमानेंट ब्रिज, बाईपास या सुरंग के रूट का प्रयोग कर सकते हैं। उनसे एक दिन में हर तरफ से 20 किलोमीटर की यात्रा तक कोई टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा।

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम से कटेगा टोल

टोल टैक्स के नए सिस्टम (new toll tax systum) को ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से बनाया गया है। जो Google मैप्स और संचार प्रणालियों जैसे मोबाइल नेविगेशन एप्लिकेशन (mobile navigation app) में काम आते हैं। अब, इसी तकनीक को भारत में हाईवे टोल संग्रह पर लागू किया जा रहा है।

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जानिए किस आधार पर लगता है टोल टैक्स

अगर आप अभी तक यह नहीं जानते हैं कि टोल टैक्स (Toll Tax) किस प्रकार से कटता है तो आपको बता दें कि टोल टैक्स (toll tax on national highway) कितना देना होगा, इसकी गणना कई वाहनों के लिए अलग अलग प्रकार और दूरी के आधार पर की जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि ट्रक और बस जैसे भारी वाहनों को कारों की तुलना में ज्यादा टोल टैक्स (Toll tax) देना पड़ता है। वहीं आपको बता दें, टू- व्हीलर (toll tax on two wheeler) पर पूरे भारत में टोल टैक्स नहीं देना होता है।

इन वाहनों का नहीं लगता है टोल टैक्स

टोल टैक्स (Toll Tax) के आधिकारिक नियम के अनुसार कुछ स्पेशल कैटेगरी के वाहनों को किसी भी परिस्थिति में टोल टैक्स नहीं देना होता है। इनमें इमरजेंसी वाहन, सैन्य और सार्वजनिक वाहन शामिल हैं। अगर इनसे टोल टैक्स (toll tax) लिया जाता है, तो वाहन के चालक शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

24 घंटे के अंदर कितनी बार देना पड़ता है टोल?

NHAI के नियमों में बताया गया है कि अगर वाहन 24 घंटे के भीतर दो बार टोल से गुजरता है तो कुल रोड चार्ज (total road charges) का केवल डेढ़ गुना ही भुगतान करना होगा। नियम के अनुसार एक से अधिक बार आने वाले यात्रियों के लिए कुल बूथ टैक्स (tax rules) राशि का केवल दो-तिहाई ही भुगतान करना होगा।