CM Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने जंगलों में आग लगाने वालों को लेकर बड़ी बात कह दी है। आपको बता दें कि अब धामी सरकार जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने जा रही है। मुख्य सचिव(सीएस) राधा रतूड़ी (Radha Raturi) ने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को जंगलों में आग लगाने वालों को जेल में डालने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
ये भी पढ़ेंः कांग्रेस पर जमकर बरसे धामी..बोले विभाजनकारी सोच का नतीजा
सीएम धामी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव रतूड़ी ने सचिवालय में वनाग्नि प्रबंधन को लेकर मीटिंग की। इस दौरान आग लगाने वाले लोगों को खिलाफ तत्काल आईपीसी और फॉरेस्ट ऐक्ट (Forest Act) में केस दर्ज कर उसका अपडेट रोजाना देने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने जानकारी दी कि जंगलों में आग की ज्यादातर घटनाएं मानव जनित हैं। कई स्थानों पर असामाजिक तत्व भी एक्टिव हैं, ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जितने भी क्रू स्टेशन हैं, वन विभाग के अफसर हर वक्त वहां पानी की उपलब्धता रखें। उन्होंने जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के अफसरों को समन्वय बनाने के निर्देश दिए।
आग बुझाने को करेंगे सम्मानित
डीजीपी अभिनव कुमार ने जानकारी दी कि जहां जंगलों में आग की घटनाएं सामने आ रही हैं, वहां असामाजिक लोगों को चिह्नित करें। जिन गांवों के समीप के जंगलों में आग नहीं लगी है, अथवा जो आग बुझाने में सहायता कर रहे हैं, उन्हें सम्मानित किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पीसीसीएफ अनूप मलिक आदि मौजूद रहे। जबकि डीएम, पुलिस कप्तान और डीएफओ वर्चुअल शामिल हुए।
सीएफ और सीसीएफ नियमित सौंपे रिपोर्ट
फील्ड में प्रभागीय वनाधिकारी जंगलों की आग पर प्रभावी रोकथाम के लिए क्या-क्या एक्शन ले रहे हैं, वन संरक्षक और मुख्य वन संरक्षक इसकी प्रतिदिन अपडेट देंगे। लापरवाह डीएफओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अति संवेदनशील में है ये जिले
आपको बता दें कि उत्तराखंड के अति संवेदनशील जिलों में नैनीताल, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, और टिहरी वनाग्नि के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। इनमें 83 स्थान ऐसे हैं, जो अति संवेदनशील, जबकि 250 स्थान संवेदनशील हैं।