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Punjab: CM भगवंत मान को किससे है खतरा? पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में क्या कहा…

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Punjab के सीएम भगवंत मान की जान के लिए भी खतरा, पंजाब पुलिस ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में यह दावा किया

Punjab News: डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक और सांसद अमृतपाल सिंह से सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) की जान को खतरा है। पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने हाईकोर्ट (High Court) में दाखिल हलफनामे में यह दावा किया है। इसमें कहा गया है राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी NSA के तहत हिरासत में लिए गए खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल और उसके साथी न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि राज्य के सीएम भगवंत मान की जान के लिए भी खतरा हैं।
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पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में क्या कहा?

राज्य पुलिस ने यह दावा अमृतसर के एसएसपी (ग्रामीण) चरणजीत सिंह (Charanjit Singh) के माध्यम से दायर हलफनामे के माध्यम से किया है, जो अमृतपाल सिंह के सहयोगियों द्वारा एनएसए के तहत उनकी ताजा हिरासत के आदेश को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं के जवाब में किया गया है।

एसएसपी (SSP) द्वारा दायर किए गए हलफनामे के मुताबिक, फरवरी 2023 में अजनाला पुलिस स्टेशन की घटना के बाद, अमृतपाल का पुलिस स्टेशन अजनाला के ठीक बाहर वीडियो टेप किया था, जिसमें वह यह आरोप लगा रहा था कि पंजाब के सीएम इस तरह से काम कर रहे हैं कि यह सुनिश्चित हो कि उनका वही हश्र हो जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह का हुआ था, जिनकी मानव बम से हत्या कर दी गई थी।

सरकार ने दिया वीडियो का हवाला

एसएसपी (SSP) के अनुसार, उक्त वीडियो क्लिप में अमृतपाल को यह कहते हुए देखा और सुना जा सकता है, “हमने सीएम मान को सीएम बेअंत सिंह के रास्ते पर न चलने की चेतावनी दी थी। सीएम मान अभी भी बेअंत सिंह द्वारा पहले अपनाए गए रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। दिलावर ने मानव बम के रूप में काम किया और सीएम बेअंत सिंह को उड़ा दिया। सीएम मान ने यह सुनिश्चित किया है कि आज इस भीड़ में से कई दिलावर पैदा हुए हैं।”

राज्य पुलिस के मुताबिक, याचिकाकर्ता की मौजूदगी में अमृतपाल सिंह द्वारा की गई उपरोक्त भड़काऊ बातें पंजाब राज्य के युवाओं को गुमराह करने की प्रवृत्ति रखती थीं, जिसमें दिलावर सिंह जैसे मानव बम के रूप में कार्य करना और राज्य के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री की हत्या करना वीरतापूर्ण कार्य था।

राज्य पुलिस ने अपने विस्तृत जवाब में दावा किया है कि यह आशंका थी कि अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक भविष्य में भी, उनके अपने कट्टरपंथी और चरम विचारों के विपरीत कोई भी विचार व्यक्त करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ गंभीर अवैधानिकताएं करने की संभावना रखते हैं।

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वह कानून को अपने हाथों में ले सकते है और उन सभी को नुकसान पहुंचाते हैं जो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकते हैं, जैसा कि उन्होंने हाल के दिनों में किया है। राज्य में कानून और व्यवस्था, सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव और राज्य की सुरक्षा की गंभीर और प्रतिकूल स्थिति पैदा होने की सबसे अधिक संभावना थी।

नए हिरासत आदेशों को चुनौती

राज्य सरकार (State Government) की ओर से यह जवाब अमृतपाल के करीबी सहयोगी सरबजीत सिंह कलसी और गुरमीत सिंह गिल उर्फ गुरमीत भुक्कनवाला द्वारा दायर कई याचिकाओं के जवाब में दाखिल किया गया है, जो असम की डिब्रूगढ़ जेल में एनएसए के तहत बंद हैं। कलसी और भुक्कनवाला दोनों ने इस साल मार्च में पंजाब सरकार द्वारा पारित अपने नए हिरासत आदेशों को चुनौती दी है।