Punjab

Punjab: अब नहीं लगाना पड़ेगा सरकारी दफ्तर के चक्कर, बस एक क्लिक में मिल जाएगी भूमि संबंधित सूचना

Spread the love

Punjab के लोगों के लिए अच्छी खबर है।

Punjab News: पंजाब के लोगों के लिए अच्छी खबर है। पंजाब में अब सरकारी दफ्तर (Government Offices) के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा क्योंकि बस एक क्लिक में भूमि संबंधित सूचना मिल जाएगी। बता दें कि पंजाब सरकार (Punjab Government) ने 16 शहरों का भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) आधारित डिजिटल मास्टर प्लान तैयार कर लिया है, जिससे अब लोगों के लिए लैंड यूज सर्टिफिकेट (CLU) लेना आसान हो जाएगा। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Punjab की इन Travel Agency पर मुकदमा दर्ज! पढ़िए पूरी खबर

Pic Social Media

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

आपको बता दें कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) इस काम के लिए पोर्टल तैयार कर रहा है, जिससे अब लोगों को अपनी भूमि की जानकारी जुटाने के लिए नगर निकायों के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। साथ ही मास्टर प्लान के डिजिटल होने से अब बिल्डर स्वीकृत नक्शे के बाहर जाकर निर्माण नहीं कर पाएंगे।

मास्टर प्लान को डिजिटाइज करने का काम पूरा किया गया

पंजाब म्युनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी ने इस काम को पूरा किया है। केंद्र सरकार ने अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत पंजाब के 16 शहरों को चुना था। ये शहर अबोहर, अमृतसर, बरनाला, बटाला, बठिंडा, फिरोजपुर, होशियारपुर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, मालेरकोटला, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, पठानकोट और मोहाली हैं। इस योजना के अनुसार ही मास्टर प्लान को डिजिटाइज करने का काम पूरा किया गया है।

अभी लोगों को भूमि के उपयोग संबंधी जानकारी जुटाने और लैंड यूज सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए नगर निकायों के कार्यालयों में जाना पड़ता है, जिसके बाद ही वह सीएलयू के लिए आवेदन करते हैं। डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध न होने के कारण इस प्रक्रिया में कई बार काफी समय लग जाता है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पोर्टल तैयार होने के बाद यह एक बड़ी समस्या हल हो जाएगी। लोग ऑनलाइन ही चेक कर सकेंगे कि वे अपनी भूमि का उपयोग किस उद्देश्य के लिए कर सकते हैं। इसके बाद ही सीएलयू के लिए आवेदन कर सकते हैं।

Pic Social Media

अवैध निर्माण पर रखी जा सकेगी नजर

इसी तरह GIS आधारित मास्टर प्लान से अब अवैध निर्माण पर भी नजर रखी जा सकेगी। अगर बिल्डर स्वीकृत नक्शे से बाहर जाकर किसी भी तरह का निर्माण करेगा तो वह विभाग के नक्शे से पकड़ में आ जाएगा। राजस्व विभाग का पूरा रिकॉर्ड को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। जीआईएस की मदद से सैटेलाइट और ड्रोन (Drones) की इमेज का इस्तेमाल करके मास्टर प्लान को किसी भी समय अपडेट किया जा सकता है। इससे अब भूमि संबंधित विवादों का भी निपटारा हो जाएगा।

लोगों को पता होगा कि मास्टर प्लान (Master Plan) के तहत उनकी भूमि किस परियोजना के लिए आरक्षित है। वह उसी के मुताबिक भूमि के उपयोग पर आगे बढ़ सकेंगे और अपना निवेश कर सकेंगे। बता दें कि भूमि के उपयोग को लेकर स्पष्टता आ जाएगी। ऑनलाइन ही भूमि मालिक यह जानकारी जुटा सकेंगे कि उनकी जमीन के पास से कोई हाईवे या बड़ी परियोजना की योजना तो नहीं है।

ये भी पढ़ेः Punjab: कर्मचारियों के वेतन को लेकर PSEB ने CM Maan से कही ये बात!

वैकल्पिक योजनाएं भी तैयार कर सकेंगे

बदलते समय से समस्याएं भी बदल रहीं हैं। जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान (GIS B|ased Master Plan) से हर समय विभाग इन समस्याओं से अपडेट रह सकेंगे। साथ ही वैकल्पिक योजनाएं भी तैयार कर सकेंगे। साथ ही एक डैशबोर्ड भी तैयार किया जाएगा, जिसकी मदद से टाउन प्लानिंग विभाग निर्णय ले सकेंगे। इससे वह हर समय स्थिति की निगरानी कर सकेंगे और उसी के मुताबिक ही आगे परियोजनाओं व नीति पर काम कर सकेंगे।

2031 तक का बनाया गया मास्टर प्लान

पंजाब सरकार (Punjab Government) ने अपने सभी शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया है। 2031 तक का मास्टर प्लान बनाया गया हैं, जिसमें औद्योगिक, व्यावसायिक, आवासीय जोन के बारे में जानकारी दी गई है कि कैसे सरकार की तरफ से ये परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। साथ ही अस्पताल, स्कूल, विश्वविद्यालय, इंडस्ट्री, हाईवे समेत अन्य बड़ी परियोजनाओं के बारे में भी इसमें जानकारी शामिल की गई है।