Noida school bus caught fire

Noida School Bus: लापरवाह ड्राइवर ने बच्चों की जिंदगी दांव पर लगा दी! देखिए वीडियो

Spread the love

Noida private School Bus: सोचिए अगर इस बस में बच्चे होते तो..कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन ईश्वर ने बच्चों की रक्षा की। ख़बर नोएडा सेक्टर 29 स्थित विश्व भारती पब्लिक स्कूल की स्कूल बस की बताई जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक CNG लीक होने की वजह से स्कूल बस में आग लग गई है और देखते ही देखते पूरी बस जलकर खाक हो गई। जानकारी के मुताबिक बस रूट न. 44 शुक्रवार को बच्चों को ड्रॉप करके वापस लौट रही थी तभी ये हादसा हुआ।

ये भी पढ़ें: Gaur City में बड़ा हादसा..27 मंजिल से नीचे गिरी बच्ची

कहा तो ये भी जा रहा है कि स्कूल से निकलते समय ही बस में सीएनजी लीक थी…लेकिन स्कूल प्रशासन और बस ड्राइवर ने लापरवाही दिखाई और जानकारी होते हुए भी..बच्चों को घर वापस छोड़ने के लिए इस बस का इस्तेमाल किया… यह तो गनीमत रही की बच्चों को ड्रॉप करने के बाद ये घटना हुई। अगर बच्चों के बस में सवार रहते यह घटना घटती तो शायद बच्चों की जान बचाना मुश्किल होता….

पूरे मामले पर ऑल नोएडा पेरेंट्स एसोसिएशन के महासचिव के अरुणाचलम का भी सवाल यही है कि अगर बस ड्राइवर और स्कूल प्रशासन को CNG लीक होने की जानकारी थी तो उन्होंने बच्चों को बस में ले जाने की इजाजत क्यों दी। ड्राइवर के खिलाफ क्यों ना बड़ी कार्रवाई की जाए। अगर बच्चों के साथ हादसा होता तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता। ANSPA ने नोएडा प्रशासन और उत्तरप्रदेश सरकार से अपील की है कि इतनी मोटी फीस वसूलने वाले इन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कड़ा एक्शन लें। साथ ही परिवहन विभाग से भी ये अपील की है कि ऐसे लापरवाही बरतने वाले स्कूल बसों की फिटनेस फौरन रद्द की जाए।

एक अभिभावक का तो कहना है की छुट्टी के बाद जब उनका बच्चा बस में जा रहा था तो बस के इंजन से कुछ रिसाव हो रहा था। बाद में 10 मिनट बाद वही बस सीएनजी के लगातार रिसाव के साथ बच्चों को छोड़ने के लिए रवाना हुई। पूरे रास्ते में रिसाव होता रहा, बस कई बार रुकी भी, बच्चे दहशत में थे लेकिन इन सभी परिस्थितियों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। बच्चों को खांसी हो रही थी लेकिन फिर भी वे बस को खींचते रहे। जब मेरा बेटा घर पहुंचा तो उसने बस की खराब हालत के बारे में बताया। बस आखिरी पड़ाव पर पहुंचने ही वाली थी कि ग्रुप पर बस जलने की खबर आई। जरा उन परिस्थितियों को देखिए जिनमें हम अपने बच्चों को भेज रहे हैं। फीस बढ़ोतरी का भुगतान करते हैं लेकिन फिर भी परिणाम के रूप में हमें यही मिलता है।