Noida-ग्रेटर नोएडा वाले सावधान..डेंगू के 2000 मामले!

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उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया

Noida Dengue Cases: नोएडा-ग्रेटर में डेंगू बेहद तेजी से फैल रहा है। सोसायटी हो या गांव..हर जगह लोग डेंगू के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में लोगों को बेड तक नहीं मिल पा रहा है। प्लेटलेट्स के लिए लोगों को काफी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अकेले नोएडा में डेंगू जांच के लिए कराए गए रैपिड कार्ड टेस्ट ने विभाग की परेशानी बढ़ा दी है। रैपिड कार्ड टेस्ट के जरिए डेंगू की जांच में 1850 लोगों में डेंगू का संक्रमण की पुष्टि की गई। जिससे स्वास्थय विभाग के होश उड़ गए हैं।

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हालांकि रैपिड कार्ड टेस्ट में डेंगू के इतने अधिक मामले सामने आ गए, जिस पर सवाल उठने लगा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट को ही आधार माना जा रहा है।

रेैपिड टेस्ट में मिले 1850 डेंगू के मरीज

स्वास्थ्य विभाग की ओर से एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद ही डेंगू की पुष्टि की जा रही है। अब तक 427 एलाइजा जांच में 291 डेंगू केस मिलने की बात विभाग ने कही है। आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रैपिड कार्ड जांच से डेंगू के 1850 मामले आए हैं।

नोएडा में एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आने पर ही डेंगू मरीज की पुष्टि विभाग कर रहा है। रविवार को सेक्टर-122 की महिला होम्योपैथी डॉक्टर की रैपिड किट से जांच डेंगू पॉजिटिव आने पर विभाग ने उसको संदिग्ध माना था। डॉक्टर की सेक्टर-27 के निजी अस्पताल में रविवार को मौत हो गई। सोमवार को आई उनकी एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव थी। शहर में अब तक हुईं 427 एलाइजा टेस्ट में अब तक डेंगू के 291 रोगी सामने आए हैं। रैपिड टेस्ट डेंगू पॉजिटिव आने पर लोग अपने घरों और अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी रैपिड किट से ही जांच की जा रही है। अस्पताल और लैब से एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पताल और चाइल्ड पीजीआई की लैब में एलाइजा जांच कराता है। डेंगू मरीजों को लेकर आंकड़े छुपाने और इसकी बाजीगर का खेल साफ तौर पर देखा जा रहा है।
बढ़ गई है बुखार के मरीजों की संख्या
नोएडा में इस समय न सिर्फ डेंगू, बल्कि बुखार भी चिंता का कारण बना हुआ है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बुखार के मरीजों से फुल हैं। रोज डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। सीएचसी और पीएचसी में रैपिड और एलाइजा जांच की सुविधा नहीं है। जांच के लिए उन्हें जिला अस्पताल भेजा जाता है। जिससे उनकी भागदौड़ बढ़ जाती है। ऐसे में इलाज में देरी के कारण कई बार मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है।
नोटिस के बाद भी 112 डेंगू मरीज पोर्टल पर किए दर्ज
प्राइवेट अस्पतालों के संचालक रैपिड किट पॉजिटिव आने पर डेंगू का इलाज कर रहे हैं जबकि विभाग एलाइजा जांच कराता है। एलाइजा जांच में अब तक 291 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है। लेकिन पोर्टल पर डेंगू मरीजों की संख्या 403 दर्ज है।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है निजी अस्पताल और नर्सिंग होम संचालकों ने 112 मरीज रैपिड किट रिपोर्ट में डेंगू पॉजिटिव आने पर चढ़ाए हैं। इनको नोटिस भी जारी किया गया है। सीएमओ ने 28 अगस्त को नोटिस जारी कर अस्पताल व नर्सिंग होम संचालकों को नाम पोर्टल पर अपडेट न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जांच पर उठ रहे हैं सवाल
लोगों में जांच को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। सेक्टर 120 के रहने वाले वेद सोनी और प्रतीक लॉरेल ने कहा कि जांच कराने पर प्लेटलेट्स की कमी बताई गई। डेंगू जांच कराने पर डेंगू नहीं निकला। डेंगू की पुष्टि किस जांच से होती है, इसकी जानकारी नहीं है। अस्पताल में तीन दिन इलाज के बाद हालत में सुधार बताकर घर भेज दिया गया। गौर सिटी-2 के शुभम सिंह ने कहा कि बुखार आने पर अस्पताल में जांच कराने पर डेंगू बताया गया। रैपिड या एलाइजा जांच की जानकारी नहीं है। जांच के बाद घर पर ही दवा लेकर ट्रीटमेंट चला। 7 से 8 दिन बाद हालत में सुधार होने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ हूं।
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