सुपरटेक1: श्मसान की जमीन के पास बने ये टावर

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अगर आपको पता चले कि जिस फ्लैट में आप रहे हैं वो ज़मीन श्मशान घाट की है तो आपका हैरान होना लाजिमी है। यही वजह है कि नोएडा एक्टेंशन में मौजूद सुपरटेक ईकोविलेज1 के फ्लैट खरीदारों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है।

जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) चरणजीत नागर के मुतिक पतवाड़ी गांव के खसरा नंबर 210 और 211 की 880 वर्गमीटर श्मशान भूमि है। सरकारी दस्तावेज में आज भी यह जमीन श्मशान भूमि के नाम पर दर्ज है। हालांकि इस पर सुपरटेक बिल्डर का कब्जा है। साल2016 में तहसीलदार दादरी के न्यायालय ने आदेश जारी कर बिल्डर को जमीन से बेदखल किया गया था। साथ ही 88 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। बिल्डर ने तहसीलदार के आदेश को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के न्यायालय में चुनौती दी थी। जिस पर तभी से सुनवाई चल रही थी। अब अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की अदालत ने तहसीलदार के आदेश को बरकरार रखा है। साथ ही बिल्डर की अपील खारिज कर दी है। जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि दादरी तहसील को जमीन से कब्जा हटाने का आदेश दिया गया है।


इको विलेज 1 प्रोजेक्ट में है जमीन
ग्रेनो वेस्ट में पतवाड़ी गांव में सुपरटेक बिल्डर का इको विलेज वन प्रोजेक्ट है। इसी प्रोजेक्ट के बीच श्मशान भूमि है। बिल्डर ने जमीन की बाउंड्रीवॉल कराई हुई है। इस जमीन के तीन तरफ टावर बने हैं। इनमें कुछ फ्लैटों में लोगों रहते हैं। वहीं एक तरफ निर्माणाधीन इमारत है। प्राधिकरण ने भी इस जमीन का आवंटन बिल्डर के नाम नहीं किया है। वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक 2014 से यहां किसी का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है।

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