Jammu and Kashmir Election

जम्मू कश्मीर के नक़्शे से महबूबा ग़ायब!

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जम्मू-कश्मीर में PDP उम्मीदवार और महबूबा मुफ़्ती परिवार की गढ़ बीजबेहारा से चुनाव लड़ रहीं इल्तिजा मुफ़्ती हार गई हैं।

Jammu and Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में पीडीपी उम्मीदवार और महबूबा मुफ़्ती (Mehbooba Mufti) परिवार की गढ़ बीजबेहारा से चुनाव लड़ रहीं इल्तिजा मुफ़्ती हार गई हैं। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में पीडीपी (PDP) जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी थी, जिसने अकेले 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार 28 सीटों से 3 सीट पर आना पार्टी का शर्मनाक प्रदर्शन को दिखाता है। इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) ने अपनी हार स्वीकार करते हुए सोशल मीडिया X पर पोस्ट भी किया है। इल्तिजा मुफ्ती ने कहा है कि वह जनता के जनादेश का सम्मान करती हैं।
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महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) कश्मीर की दिग्गज नेता मानी जाती हैं, ऐसे में उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) का पहला चुनाव हार जाना, PDP पार्टी के लिए चिंताजनक है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पीडीपी सिर्फ तीन सीटों पर जीतती हुई दिख रही है। पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में PDP जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी थी, जिसने अकेले 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 28 सीटों से 3 सीट पर आना पार्टी का शर्मनाक प्रदर्शन को दिखाता है।

वहीं पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती (Mehbooba Mufti) ने हार को स्वीकार करते हुए कहा, “उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। लोगों को ऐसा लगा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस स्थिर सरकार देकर बीजेपी को दूर रख सकती हैं, तो उन्होंने नेशनल कॉन्फ़्रेंस को वोट किया। लोकतंत्र में लोगों की मर्ज़ी का सम्मान होना चाहिए।”

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क्या बोलीं इल्तिजा मुफ्ती?

इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) ने कहा,”मैं लोगों के फैसले को कबूल करती हूं। बिजबेहरा में सभी से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा। इस अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले पीडीपी कार्यकर्ताओं का आभार।” बता दें, इल्तिजा मु्फ्ती ने बड़े ज़ोर-शोर से प्रचार में हिस्सा लिया था।

बेटी को चुनावी मैदान में उतारा

महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने खुद विधानसभा चुनाव लड़ने के बजाय अपनी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को चुनावी रणभूमि में उतारा है। इल्तिजा मुफ्ती अपने परिवार की परंपरागत श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट पर कड़ी टक्कर मिल रही है। इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस से बशीर अहमद शाह और बीजेपी से सोफी यूसुफ से उनका मुकाबला था। जहां वोटों की गिनती में इल्तिजा को 9770 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

महबूबा के नेतृत्व वाली पूरी PDP बुरी तरह हार गई

2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं। पीडीपी के जख्मों पर नमक छिड़कने वाली बात यह है कि इल्तिजा ने अपनी मां महबूबा और अपने दादा मुफ्ती मोहम्मद सईद की सीट से चुनाव लड़ा था। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, महबूबा ने कसम खाई थी कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, तब तक वह चुनाव नहीं लड़ेंगी।

महबूबा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) नेतृत्व को जीत पर बधाई दी और कहा कि उनकी पार्टी रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा, “मैं नेशनल कॉन्फ्रेंस नेतृत्व को उनकी शानदार जीत के लिए बधाई देती हूं। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी स्थिर सरकार के लिए वोट देने के लिए बधाई देना चाहती हूं, न कि त्रिशंकु विधानसभा के लिए, क्योंकि लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।”

बता दें कि 37 वर्षीय इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) ने दिल्ली के एक कॉलेज से राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की। ​​बाद में वह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री के लिए यूके चली गईं और लंदन में भारतीय उच्चायोग और ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के रूप में काम किया।