Greater Noida West: आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों का हल्लाबोल

Spread the love

नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया

बड़ी ख़बर ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West)  की सोसायटी आम्रपाली गोल्फ होम्स (Amrapali Golf Homes) से आ रही है। जहां आम्रपाली और किंग्सवुड(Kingswood) के फ्लैट खरीदारों ने AOA की मनमानी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। करीब 200 घर खरीदारों ने अपनी आवाज उठाई।

ये भी पढ़ें: Greater Noida West: इंजीनियर से 7 लाख की ठगी

pic-social media

एडहॉक AOA की नाजायज़ मांगें

घर खरीदारों के मुताबिक, AOA उनसे एंट्री फी 10 रूपये प्रति वर्ग फुट, मेंटनेंस शुल्क 3 रूपये प्रति फुट, एक हजार रूपये अपंजीकृत अस्थायी एओए की सदस्यता। वहीं, इतना ही नहीं यदि कोई अपने घर को किराए पर देना चाहता है तो उसे अस्थायी एओए को तकरीबन 15 दिनों का किराया देना होगा।

ये भी पढ़ें: Noida Metro: नोएडा-दिल्ली से ग्रेटर नोएडा आने-जाने वालों के लिए गुड न्यूज

गोल्फ होम्स ( Golf Homes) में घर खरीदने वालों का ये आरोप है कि जो नियुक्ति हुई है वो अनैतिक तरीके से की गई है। एओए का गठन चुनाव के जरिए होना चाहिए था। सभी घरों ने ये निर्णय लिया कि अस्थायी एओए के द्वारा निर्धारित 3 रूपये प्रति वर्ग फुट का रखरखाव शुल्क काल्पनिक है। हर एक व्यक्ति 2 रूपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से देने को तैयार है, लेकिन कोई भी अनैतिक और अवैध मांगों को स्वीकार नहीं करेगा।

14 साल के लंबे इंतज़ार के बाद भी दर्द

घर खरीदारों का कहना है कि उन्हें एनबीसीसी से काफी  उम्मीदें है। आम्रपाली बिल्डर ने हमें कहीं का भी नहीं छोड़ा, क्योंकि 14 साल के इतने लम्बे इंतजार के बाद भी कुछ हासिल नहीं हुआ। हमने सोचा था की ये बदलाव कुछ अच्छा लेकर के आएगा। लेकिन जब हमें चाबियां मिली तो अस्थायी एओए ने उस पर कई सारी शर्तें लगा दीं। इसी कारण हमारे सभी घर खरीदारों में काफी अधिक गुस्सा है।

इसके अलावा कई सारे ब्लॉकों में तय समय पर निर्माण पूरा न होना, गुणवक्ता की कमी, मनमाना ब्याज मांगने और अस्थायी एओए में सभी ब्लॉकों से प्रतिनिधि न होने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। लोगों का ये कहना है कि 14 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद लोगों को कहीं जाकर घर मिल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट बचा है एकमात्र रास्ता

बायर्स के बार बार मांग के बावजूद अस्थायी एओए के प्रतिनिधि आगे आकर उनसे मुलाकात नहीं कर रहे हैं। घर खरीदारों की मुश्किलें ऐसे में दिन ब दिन और भी ज्यादा बढ़ती ही जा रही हैं। अब इस मामले में कोर्ट रिसीवर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। घर खरीदने का ये आरोप है की ये अस्थायी एओए के खिलाफ  कोर्ट रिसीवर के पास जाएंगे और यदि वहां मामले की सुनवाई नहीं हुई तो वे सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करेंगे।

घर खरीदने वालों की क्या हैं शर्तें

सारे फ्लैट के खरीदार इस बात पर सहमत हुए हैं कि जिन फ्लैट खरीदारों ने सीआर ऑफिस और एनबीसीसी से एनओसी ली है, उन्हें बिना किसी शर्त के तुरंत सोसायटी में प्रवेश दिया जाना चाहिए। स्थानीय लोगों का मानना है कि सभी 8 क्लस्टरों से एक-एक प्रतिनिधि चुना जाए और उसमें कम से कम 2 महिला प्रतिनिधि हों। एडहॉक AOA को तुरंत बाहर किया जाना चाहिए और एक संवैधानिक एओए का चुनाव किया जाना चाहिए।

फिलहाल ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ज्यादातर सोसायटियों में महीने का मेंटेनेंस चार्ज ₹1.50 से ₹2.00 के बीच है, इसलिए किसी भी स्थिति में मासिक मेंटेनेंस चार्ज ₹2.00 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पिछले 6 महीने से तैयार क्लस्टर ए की वेरिफिकेशन प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए और फ्लैट हैंडओवर तुरंत भरा जाए।

क्लस्टर डी, जे, के, एल और एम जो अभी तक तैयार नहीं हैं, उन्हें जल्द से जल्द तैयार किया जाए और सभी को तुरंत पद दिया जाए। क्लस्टर K की भवन संरचना अभी तक पूरी नहीं हुई है, इसलिए उस क्लस्टर में अधिकतम कार्यबल नियुक्त किया जाना चाहिए ताकि अन्य सभी क्लस्टरों के साथ-साथ K-क्लस्टर का भी हैंडओवर किया जा सके।

कुछ लोगों से देर से भुगतान के नाम पर ब्याज की मांग तक की जा रही है जो पूरी तरह से गलत है। अगर देर से भुगतान लेना है तो जुलाई 2023 से एनबीसीसी को फ्लैट खरीदार को उतने दिन/महीने का ब्याज देना होगा, जितने दिनों/महीनों के लिए फ्लैट डिलीवरी में देरी हुई है। प्लेटों की गुणवत्ता बहुत खराब है, इसकी जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए और उसके आधार पर ही फिर आगे की कार्रवाई की जाए। साथ ही ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आगामी नवरात्रि में एनओसी प्राप्त अधिक से अधिक फ्लैट खरीदार सोसायटी में शिफ्ट हो जाएं।