Greater Noida West: राधा स्काई गार्डन में मंदिर पर ‘संग्राम’!

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Greator Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी श्री राधा स्काई गार्डन में मौजूद मंदिर पर संग्राम छिड़ा है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 16 B में मौजूद इस सोसाइटी में एक मंदिर है जिसे मंदिर का नाम है श्री राधा कृष्ण मंदिर। यह मंदिर आज से डेढ़ साल पहले बनाया गया था। 7 अगस्त 2022 को सारे रेजिडेंट्स की सहमति 45 दिन में भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ। हालांकि इसमें बिल्डर की सहमति नहीं थी बावजूद इसके निवासियों की अपील के बाद बिल्डर ने भी इस पर अपनी रजामंदी दे दी। मंदिर बनकर तैयार हो गया। मंदिर बनवाने के लिए यहां के निवासियों ने खुद इसके लिए चंदा इकट्ठा किया।

मंदिर बनने के बाद रेजिडेंट्स द्वारा एक कमेटी का चयन हुआ था जिसके अध्यक्ष श्री सुशील मित्तल जी थे। आरोप है कि डेढ़ साल में मंदिर कमेटी में मौजूद कुछ सदस्य स्थानीय निवासियों से अभद्रता पर उतर आए। मंदिर को लेकर सवाल पूछने पर अपशब्द भी कहने लगे। इसमें से कुछ सदस्य ऐसे थे जिन्होंने सिर्फ चुप्पी साथ ली।

आज आलम ये है कि मंदिर कमेटी पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है। इसका कोई भी सदस्य एक्टिव नहीं है। आरोप है कि वाद-विवाद से बचने के लिए रेजिडेंट्स ने मंदिर जाना भी छोड़ दिया है। लोग मंदिर में अब चंदा भी नहीं दे रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर को बनवाने के लिए 17 से 18 लख रुपए चंद आया था लेकिन जब स्थानीय लोगों ने कमेटी के सदस्यों से हिसाब मांगना शुरू किया तो उन्होंने उसका हिसाब देने से साफ इंकार कर दिया।

आरोपों के मुताबिक यह सारा पैसा पर्सनल अकाउंट में लिया गया था मंदिर को रजिस्टर करने की बात कही जाती है कमेटी के मेंबर तैयार नहीं हुए। मंदिर को रजिस्टर करने के लिए अध्यक्ष जी के साथ 30 से 35 रेजिडेंट्स मेंटिनेंस ऑफिस गए ताकि बिल्डर के एप्लीकेशन देकर मंदिर को रजिस्टर कराई जाए और उसका प्रॉपर अकाउंट खोला जाए ताकि सारी चीजें ट्रांसपेरेंट ढंग से चल सके।

स्थानीय निवासी आशुतोष श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने मंदिर में लाखों रुपए का चंदा खुद दिया है जिसका मेरे पास स्क्रीनशॉट डिटेल है। ऐसे में अगर कमेटी के सदस्य किसी का हिसाब नहीं दे सकते तो मेरा हिसाब तो उनको देना चाहिए कि उन्होंने मेरे पैसे का इस्तेमाल कहां किया गया। आशुतोष ने मीडिया के साथियों से भी गुहार लगाई है कि वो इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं। मंदिर कमेटी या तो चीजों को सार्वजनिक करें या अगर मुझे किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिलेगी तो मैं कानूनी मदद लेकर कमेटी के खिलाफ केस रजिस्टर्ड करूंगा।