अच्छी खबर..18 साल से चक्कर काट रहे बायर्स को मिलेगा फ्लैट का मालिकाना हक

Spread the love

Ghaziabad News: गाजियाबाद के वसुंधरा से अच्छी खबर सामने आ रही है। पिछले 18 साल से चक्कर काट रहे बायर्स (Buyers) को फ्लैट का मालिकाना हक मिलेगा। वसुंधरा (Vasundhara) के सेक्‍टर 4 में वार्तालोक सहकारी आवास समिति के 50 आवंटियों को उनके फ्लैट (Flat) का मालिकाना हक मिलने जा रहा है। बता दें कि 2022 में कुछ लोगों ने इस मामले को लेकर यूपी सरकार से शिकायत की थी। इसके बाद उनकी रजिस्ट्री (Registry) संभव हो पाई।
ये भी पढ़ेः ग़ाज़ियाबाद से दुहाई नमो भारत ट्रेन से सफ़र करने वालों के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी

Pic Social Media

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें

गाजियाबाद के वसुंधरा (Vasundhara) में 18 साल से अपने घर की रजिस्ट्री के लिए चक्कर काट रहे करीब 50 लोगों को अब उनका मालिकाना हक मिल जाएगा। सेक्टर-4 सी स्थित वार्तालोक सहकारी आवास समिति के कई आवंटियों में इसे लेकर काफी खुशी है। कई सदस्यों का पूरा पैसा देने के बाद भी रजिस्ट्री (Registry) नहीं की जा रही थी। लोगों का आरोप था कि उनसे समिति पदाधिकारियों की ओर से रजिस्ट्री के एवज में अतिरिक्त धनराशि की मांग की जा रही थी।

इसे लेकर साल 2022 में कुछ सदस्यों ने समिति पदाधिकारियों की शिकायत जिलाधिकारी व आवास आयुक्त, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से की। इसके बाद उप आवास आयुक्त (सहकारिता) लखनऊ की जांच कमिटी का गठन कर समिति की विस्तृत जांच की गई। अक्टूबर 2023 में नई कमिटी गठित (New Committee Formed) होने के बाद और जनवरी 2024 में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से अप्रूवल होने के बाद कुल 5 रजिस्ट्री हुई हैं।

जांच कमेटी (Investigation Committee) के सदस्यों की शिकायत सही पाने के बाद जनवरी 2023 में उप आवास आयुक्त (सहकारिता) लखनऊ की ओर से समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव को तुरंत हटाए जाने के आदेश दिए गए। लेकिन समिति ने इस आदेश को सितंबर 2023 तक नजरअंदाज कर दिया। लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला मजिस्ट्रेट शुभांगी शुक्ला ने समिति को भंग कर दिया।

समिति के सचिव व अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया गया। उनकी जगह उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के सतवीर सिंह को समिति के सचिव पद पर नियुक्त कर दिया। इसके बाद समिति के निष्पक्ष चुनाव अक्टूबर 2023 में हुए। नई प्रबंध कमेटी गठित हुई। निवासियों का कहना है कि अब जाकर रजिस्ट्री संभव हो पाई।

वहीं खरीदार मुकेश गुप्ता (Mukesh Gupta) ने बताया कि मैं 2012 के बाद से दौड़भाग कर रहा था। पूर्व समिति के पदाधिकारियों की ओर से मुझसे इनडायरेक्टली मांग की गई। अनावश्यक रूप से मानवीय उत्पीड़न भी किया गया। अंततः सचाई के जीत हुई। मंगलवार को फ्लैट के रजिस्ट्री हो गई। नई समिति के कारण यह संभव हो पाया। इतने साल के बाद मानसिक तनाव खत्म हुआ है।

अब जाकर मिली राहत

खरीदार काशीनाथ खंडूरी (Kashinath Khanduri) ने बताया कि मेरी उम्र 75 साल है। 18 साल पहले इस समिति में फ्लैट लिया था। तब से समिति कार्यालय आवास विकास परिषद के वसुंधरा व लखनऊ के सैकड़ों चक्कर काटे। अब जाकर मुझे अपने फ्लैट का मालिकाना हक मिला है। मैं बिलकुल उम्मीद छोड़ चुका था, लेकिन ईमानदार कमेटी गठित होने के बाद फ्लैट का मालिकाना हक मिल गया। साथ ही फ्लैट की मार्केट वैल्यू भी बढ़ गई है।