G20: सारनाथ में विदेशी मेहमानों का ‘बुद्धं शरणं गच्छामि’

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Jyoti Shinde,Editor

भगवान भोलेनाथ की नगर काशी((Varanasi) से महज 13 किलोमीटर दूर है पवित्र सारनाथ ..बिहार के बोधगया में ज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान बुद्ध ने यहां सबसे पहले धर्म की शिक्षा दी थी।  सबसे लंबे समय तक यूनेस्को की अस्थायी सूची में रहने के बाद यह विश्व धरोहर स्थल बना।

वाराणसी में चल रही G20 के विकास मंत्रियों की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद G20 प्रतिनिधियों ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक सारनाथ का दौरा किया। उनके साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। विदेशी प्रतिनिधियों ने वहां प्राचीन खंडहर, स्मारकों, धमेक स्तूप, उपदेश स्थल और संग्रहालय आदि को देखा। साथ में मौजूद विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भी ऐतिहासिक स्थल सारनाथ के बारे में प्रतिनिधियों को जानकारियां देते नजर आए। हालांकि विदेशी प्रतिनिधियों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से नियुक्त 115 गाइड्स भी साथ में थे जो उन्हें हर जानकारियां प्रदान कर रहे थे।

सारनाथ दौरे के दौरान विदेशी प्रतिनिधियों ने गुप्तकाल में बने 43.6 मीटर ऊंचे और 28 मीटर चौड़े धमेक स्तूप की परिक्रमा की। साथ ही स्तूप पर लगे शिलापट्ट और गाइड से उसके इतिहास के बारे में जानकारियां लीं। इस दौरान यहां एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसके बाद सभी मेहमान दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस मौके पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सारनाथ दर्शन की अद्भुत स्मृतियों को साथ लेकर हम लोग आज वाराणसी से प्रस्थान कर रहे हैं।

इससे पहले वाराणसी में G20 विकास मंत्रियों के सम्मेलन ने G20 देशों द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर प्रगति में तेजी लाने के लिए भारत द्वारा प्रस्तुत एक महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्य योजना को अपनाया। इसके अतिरिक्‍त जलवायु परिवर्तन संबंधी लक्ष्‍यों की पूर्ति के लिए टिकाऊ जीवन शैली के संबंध में सहयोग और भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्‍य से एक और दस्‍तावेज को बैठक में स्‍वीकार किया गया। विकास मंत्रियों द्वारा अपनाए गए परिणाम दस्तावेज 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले समूह के शिखर सम्मेलन में G20 नेताओं द्वारा विचार के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे।

अपने संबोधन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि एसडीजी पर कार्य योजना न केवल विकास एजेंडे के लिए एक मजबूत G20 प्रतिबद्धता को प्रेरित करेगी बल्कि तीन प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी कार्रवाइयों को आगे बढ़ाएगी। इसके अलावा विदेशी मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए लाइफ स्टाइल को लेकर G-20 देशों के बीच विचार-विमर्श किया गया। यहां पर भारत की लाइफस्टाइल को मॉडल की तरह पेश किया गया। बैठक के दौरान लाइफ स्टाइल के 9 सिद्धांत तय किए गए।

बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज बन गया है और उसने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के संबंध में वित्तीय अंतर और ऋण चुनौतियों के मुद्दों को उठाने की कोशिश की है। G20 की अध्यक्षता संभालने के बाद भारत द्वारा लाए गए बड़े बदलाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के दृष्टिकोण ने G20 के फोकस पर विकास को वापस लाया है और वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए आशा जगाई है। वाराणसी में विकास मंत्रियों की यह बैठक 11 जून से शुरू हुई थी जो 13 जून को सारनाथ दौरे के साथ संपन्न हो गया।

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