Supertech flat buyers met EOW special commissioner

EOW पहुंचे Supertech के पीड़ित फ्लैट खरीदार.. विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से की मुलाकात

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दिल्ली-NCR में 10 साल से भी ज्यादा वक्त से अपने फ्लैट का इंतज़ार कर रहे सुपरटेक (Supertech) के हजारों फ्लैट आज भी अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। कोस रहे हैं उस वक्त को जब उन्होंने बड़ ही अरमानों से अपना फ्लैट बुक करवाया था। लेकिन हैरानी की बात ये कि आज भी उनको वो नसीब नहीं हुआ।

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इसी बात से त्रस्त होकर हजारों फ्लैट खरीदार राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच, रेरा (RERA), एनसीएलएटी (NCLT), सुप्रीम कोर्ट (SC), आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing (EOW) और पटियाला हाउस कोर्ट में पिछले पांच साल से अपने अधिकारो के लिए लड़ रहे हैं। इन सभी फ्लैट खरीदारों का गुस्सा सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर के अरोड़ा समेत उनकी कंपनी के टॉप बॉसेज को को लेकर हैं जो अपने घर का पूरा पैसा देने के बाद भी दस साल से बेघर हैं और जिन को घर मिल गए हैं वो आधी अधूरी बनी सोसायटी में अव्यवस्था का शिकार हैं।

इन हजारो घर खरीदारों में से ज्यादातर अपने घर की कीमत का 95% या लगभग संपूर्ण राशि सुपरटेक को दे चुके हैं लेकिन अभी तक घर के लिए भटक रहे हैं। सुपरटेक की विभिन्न परियोजना जो 2010 से शुरू हुई थी अभी तक अधूरी है, इनके घर खरीदार चौतरफा परेशान है इनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो घर की ईएमआई भी दे रहे हैं, किराया भी दे रहे हैं और इनकम टैक्स में ब्याज का फायदा भी नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि इनको घर का पजेशन नहीं मिला है

सुपरटेक लिमिटेड के नौ प्रोजेक्ट जिसमें नोएडा के नॉर्थ आई , ईकोसिटी, रोमानो और केपटाउन , ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इकोविलेज 1, इकोविलेज 3, स्पोर्ट्स विलेज, यमुना एक्सप्रेसवे के अपकंट्री और गुरुग्राम के हिलटाउन के बीस हजार से ज्यादा होम बायर के प्रतिनिधि आर्थिक अपराध शाखा के विशेष आयुक्त श्री शरद अग्रवाल से पुलिस मुख्यालय में मिले और सुपरटेक ग्रुप की संबंधित कंपनियों के बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं को उनके संज्ञान में लाया गया।

होम बायर के प्रतिनिधियों का आरोप है कि घर खरीदने वालों की चिंता का मुख्य कारण आईआरपी हितेश गोयल के द्वारा प्रस्तावित समाधान प्रस्ताव में सुपरटेक लिमिटेड के सभी परियोजना ( दिल्ली एनसीआर एवं अन्य ) के डेटा का योग देखा जाये तो इसमे लगभग नौ हजार करोड़ की बेमेल राशि है जिसका आईआरपी ने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी उल्लेख नहीं किया है।

विशेष आयुक्त श्री शरद अग्रवाल ने होम बायर के प्रतिनिधियों को सूचित किया कि सुपरटेक के खिलाफ कुल 13 FIR हैं। उनमें से 8 मामले संबंधित अदालतों में विचाराधीन हैं। बाकी कुछ में विवेचना चल रही है और कुछ में आरोप पत्र जल्दी जारी करने की संभावना है। उन्होने आगे कहा की होम बायर के प्रतिनिधि अगले सप्ताह तक सभी FIR और सभी अदालती मामलों की संदर्भ संख्या प्राप्त कर सकते हैं, जिसके लिए होम बायर के प्रतिनिधियो ने उनका धन्यवाद किया।

होम बायर के प्रतिनिधियों ने आगे बताया हम आर्थिक अपराध शाखा (EOW) प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई में आपराधिक शिकायत दर्ज करने के लिए व अन्य अदालती (एनसीएलएटी एवम् सुप्रीम कोर्ट) मामलों में सामूहिक रूप से हजारों घर खरीदारों के हित का ध्यान रखने एवम् प्रतिनिधित्व करने के लिए एक रूपरेखा बनाएंगे।

होम बायर के अधिकारो की रक्षा लिए नॉर्थ आई से गुलशन कुमार एवम् आकाश गोयल, इको विलेज 3 से चेतन कपूर एवम् आयोग रस्तोगी, इको विलेज 1 से गौरव कपिल एवम् महेंद्र कुमार महिंद्रा, हिलटाउन से सुमित गुप्ता, गौतम सेठी एवम् कपिल दत्त शर्मा, केप टाउन से राजीव रंजन, स्पोर्ट्स विलेज से अचिन मजूमदार, रोमानो से विक्रांत वर्मा, अपकंट्री से कैलाश चंद्र, इकोसिटी से सुनील मैथ्यू का विशेष प्रयास एवम् योगदान रहा।