Bihar: लालू के क़िले गोपालगंज में किसका होगा राजतिलक..देखिए आजतक का हेलिकॉप्टर शॉट

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AajTak Gopalganj News: बिहार और बिहार की राजनीति की जब जब चर्चा होती है तो पहला नाम लालू प्रसाद यादव का जहन में जरूर आता है। कहा जाता है कि बिहार और बिहार (Bihar) की सियासत पर लालू प्रसाद यादव की पकड़ कभी कमजोर नहीं हुई। बिहार का गोपालगंज (Gopalganj) लोकसभा सीट लालू प्रसाद (Lalu Prasad) का गृह जिला है। उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी गोपालगंज जिले की रहने वाली हैं। इसलिए यह सीट आरजेडी के लिए बहुत खास हो जाती है।

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लोकसभा चुनाव 2019 में गोपालगंज लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था । यहां से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार आलोक कुमार सुमन की जीत हुई थी। इस बार के चुनाव में गोपालगंज की जनता किसके हिस्से जीत देने की सोच रही है और किसे हारने का मन बना ली है इसे जानने के लिए आजतक की टीम सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप के साथ पहुंची बिहार के गोपालगंज।

आपको बता दें गोपालगंज में मुख्य मुकाबला इस बार JDU के डॉ. आलोक कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी से प्रेमनाथ उर्फ चंचल पासवान के बीच में है। यहां पर 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

आजतक की टीम जब गोपालगंज पहुंची तो तालियों से स्वागत हुआ और शुरू हुआ सवालों का कार्यक्रम। पहला सवाल जब जनता से किया गया तो जवाब में आया कि देश के किसी भी कोने में जाइए पीएम मोदी का विकास वहां मिलेगा। गोपालगंज के गांवो में विकास पहुंचा है।
दूसरे व्यक्ति ने जवाब दिया कि लालू जी के समय में यहां कोई काम नहीं हुआ। लालू जी जब रेल मंत्री हुए तब भी अपने गृह जिले का विकास नहीं किए। गोपालगंज छोटी लाइन का छोटी लाइन ही रह गया। जब से NDA की सरकार आई तब से यहां विकास दिखाई देने लगा। आज विश्व के मानचित्र पर गोपालगंज का भी नाम है।

तो वहीं एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि गोपालगंज में मुस्लिमों की संख्या काफी ज्यादा है। एक मदरसे में एक ईंट लगवाने का काम नहीं किया है। किसी तरह का काम उन्होंने किया है तो उनकी पार्टी के लोगों को बताया चाहिए कि क्या काम किया है। अल्पसंख्यक लोगों के लिए कोई काम किया है तो उनका नाम नीतीश कुमार है।
नीतीश कुमार के पक्ष में बोलते हुए जनता ने बोला कि नीतीश कुमार का विकास कार्य काफी सराहनीय है। बिहार काफी पिछड़ा हुआ था। लेकिन अब तेजी से विकास हो रहा है।

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एक व्यक्ति ने कहा कि सरकार जिसकी भी बने सभी को गोपालगंज और गोपालगंज के लोगों के स्वास्थ के लिए जरूर सोचना चाहिए। गोपालगंज में एक एम्स का निर्माण होना चाहिए, जिससे यहां के लोगों को बेहतर इलाज मिल सके।

एक युवक ने कहा कि हम लोग युवा हैं हमें रोजगार चाहिए। नरेन्द्र मोदी ने जो रोजगार देने का वादा किया था वो पूरा नहीं किया। हम लोग आज भी नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। इस चुनाव में रोजगार बड़ा मुद्दा है। तो दूसरे व्यक्ति ने कहा कि हमें उसी सरकार को वोट करना चाहिए जो देश को सुरक्षित करे। इस बार बीजेपी 400 पार जाने वाली है। मोदी तीसरी बार पीएम बनने जा रहे हैं।

जानिए गोपालगंज को

साल 1976 में सारण से अलग होकर गोपालगंज जिला बना। यह बिहार (Bihar) के पिछड़े जिलों में शामिल है। गोपालगंज संसदीय क्षेत्र एससी वर्ग के लिए सुरक्षित सीट है। आपको बता दें कि छह विधानसभा क्षेत्र वाली इस संसदीय सीट पर ब्राह्मणों की भी संख्या काफी ज्यादा है, जिससे यहां मुकाबला रोचक रहता है।

साल 2009 में जेडीयू के पूर्णमासी राम ने इस सीट से जीत हासिल की थी। साल 2014 की मोदी लहर में गोपालगंज से बीजेपी के जनकराम ने जीत दर्ज की थी।

2019 का परिणाम

इस लोकसभा सीट पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने डॉ. आलोक कुमार सुमन को उम्मीदवार बनाया था, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने कुणाल किशोर विवेक को चुनाव मैदान में उतारा था। जिसमें आलोक कुमार सुमन को जीत मिली थी तो वहीं आरजेडी के सुरेंद्र राम के हिस्से में हार आई थी।

2014 का जनादेश

लोकसभा चुनाव 2014 में गोपालगंज की सीट से बीजेपी के जनक राम को जीत मिली थी। उनको 4 लाख 78 हजार 773 वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 2 लाख 86 हजार 936 वोटों से हराया था। दूसरे नंबर पर रहीं कांग्रेस की डॉ. ज्योति भारती को 1 लाख 91 हजार 837 वोट मिले थे।