Noida प्राधिकरण में बड़ा घोटाला..पढ़िए कैसे 9 को बनाया 90 लाख

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) से करोड़ों रुपये का घोटाला हो गया है और खास बात यह है कि इसकी किसी को भनक भी नहीं लगी। अब दोबारा से जांच शुरू हुई तो अफसरों के होश उड़ गए। यह घोटाला तब हुआ था, जब बिल्डर के लोग ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में नौकरी किया करते थे। अब घोटाला कर मालामाल हो गए तो नौकरी छोड़ दी। बिल्डर को फायदा पहुंचाने के चक्कर में प्राधिकरण को करोड़ों के कर्जे के नीचे ला दिए।

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प्राधिकरण को लगाया करोड़ों का चूना

आपको बता दें कि बिल्डर जब बकाया पैसा जमा करने के लिए प्राधिकरण में जाता तो वहां के अधिकारी और कर्मचारी 5 लाख को 50 लाख रुपये बनाकर रजिस्ट्री (Registry) में चढ़ा दिया करते थे। जांच में सामने आया है कि प्राधिकरण के वित्त दस्तावेजों में 5 का 50 लाख और 9 का 90 लाख रुपये से एंट्री हुई है। जांच में यह भी पता चला है कि प्राधिकरण के पूर्व अफसरों और कर्मचारियों ने एक-एक प्लॉट पर 50 से 90 लाख रुपये तक चपत लगाई है।

जानिए कैसे शुरू हुई जांच

सरकार ने बिल्डर और घरखरीदारों की समस्याओं का हल निकालने के लिए अभिताभकांत समिति का गठन किया था। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा इस बात का पता लगाया जा रहा है कि कौन से बिल्डर ने प्राधिकरण का कितना बकाया पैसा जमा कर दिया है। इस बात की जांच वित्त रजिस्ट्री के माध्यम से हो रही है। रजिस्ट्री और दस्तावेजों में पैसे कम और रकम ज्यादा दर्ज मिली। इसपर प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों को लगा कि शायद गलती हुई होगी, लेकिन जब इस मामले में जांच बैठाई गई तो चौंका देने वाला वाला खुलासा हुआ।

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बिल्डर को फायदा और प्राधिकरण कर्जे में गया

बिल्डरों और आवंटनों की जांच की गई तो पता चला कि अगर किसी को 50 लाख रुपये जमा करने है तो उससे केवल 5 लाख रुपये लिए गए और फाइल में 50 लाख दर्ज कर दिए गए। वैसे ही 9 लाख रुपये को 90 लाख लिखकर फाइल को बंद किया गया। यह उस समय की बात है, जब बिल्डर के लोग ही प्राधिकरण में अफसर-कर्मचारी बनकर काम करते थे। इस तरीके से प्राधिकरण को करोड़ों रुपये के कर्जे तले लाया गया है। इस मामले में अब काफी गंभीरता से जांच की जा रही है।