Noida News: दिसंबर के आते ही ठंड ने भी अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है। ठंड के चलते हम नहाने के लिए अक्सर गर्म पानी का उपयोग करते हैं, आपको जानकर हैरानी होगी कि यही गर्म पानी आपके लिए काफी नुकसान दायक हो सकता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है नोएडा (Noida) के सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में जहां हर रोज ओपीडी में आंखों के मरीज बढ़ रहे हैं। पहले जहां आखों में दिक्कत के 100 से 150 मरीज आ रहे थे। वहीं, अब यह हर दिन करीब 300 से 400 के बीच मरीज आ रहे हैं। जिला अस्पताल (District Hospital) की सीनियर आई कंसल्टेंट डॉ. निधि महरोत्रा (Dr. Nidhi Mehrotra) ने बताया कि ठंड और प्रदूषण (Pollution) के बढ़ने से आंख के मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अब ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनको ज्यादा गर्म पानी से नहाने से दिक्कत हो रही है।
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डॉ. निधि महरोत्रा ने कहा कि ज्यादा तेज गर्म पानी में नहाने से बॉडी टेंपरेचर में तेजी से बदलाव होता है। इसका असर ऑप्टिकल नर्व पर पड़ता है। ऑप्टिकल नर्व डैमेज होने से आंखों की रोशनी कम हो जाती है। उन्होंने आगे बताया कि गर्म पानी के साथ-साथ सर्द हवाएं भी आंखों के लिए खतरनाक है। ठंडी हवा आंखों की नमी को खत्म कर देती है, जिसके कारण आंखें ड्राई होने लगती हैं और उनमें खुजली की बीमारी हो जाती है। अब लोगों को आंखों में खुजली, जलन और पानी आने की समस्याएं हो रही है, जिनमें सबसे ज्यादा छोटे बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से बचने के लिए लोगों को बाहर से आते ही आंखों को साफ पानी से धुलना चाहिए। इसके साथ ही रोज़ाना 30 मिनट योग और हरी सब्जियां खाना फायदेमंद है।
ज्यादा स्क्रीन टाइम भी आंखों के लिए खतरनाक
ज्यादा स्क्रीन टाइम (Screen Time) से भी मरीजों की आंखों का नंबर ही नहीं बढ़ रहा बल्कि मायोपिया और ग्लूकोमा की भी समस्या हो रही है। स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों में ड्राइनेस, एलर्जी, इंफेक्शन, मायोपिया, कैटरेक्ट और ग्लूकोमा जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। डॉ. महरोत्रा ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले मरीजों में करीब 60 प्रतिशत लोग मोतियाबिंद से पीड़ित हैं और करीब 20 प्रतिशत लोग मायोपिया के आ रहे हैं।