सावधान.. गुस्से में किसान.. आंदोलन की चेतावनी

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Jyoti Shinde, Editor
Greater Noida News: ग्नेटर नोएडा में किसानों का आंदोलन तो खत्म हो गया है लेकिन एक बार फिर से किसानों में ग्रेनो प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ काफी नाराजगी हो गई है। जिसके चलते किसानों ने एक बार फिर से एक प्राधिकरण को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी है। आपको बता दें कि प्राधिकरण (Authority) द्वारा किसानो की आबादियों के रद्द करने के बाद किसान सभा ने तुरंत अपनी नव निर्वाचित जिला कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। पतवाड़ी में गबरी मुखिया के आवास पर हुई बैठक मे किसानों के 237 प्रकरणों में लीज बैक की कार्रवाई को रद्द किए जाने को लेकर विचार विमर्श किया।

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किसान सभा गौतम बुध नगर (Gautam Budh Nagar) के अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि यह किसानों के साथ धोखाधड़ी है किसान सभा के आंदोलन के कारण लीजबैक की नीति बनी थी जिसमें पुश्तैनी किसानो की आबादियों को छोड़े जाने के निर्णय हुए थे। प्राधिकरण ने गलत तथ्यों के आधार पर अपनी सिफारिशे शासन को भेजी हैं सही मायने में पुश्तैनी किसानो की आबादियों की लीजबैक को रद्द करने का कोई आधार नहीं है।

किसानों की ही जमीन पर बसा है ग्रेटर नोएडा-जगबीर

किसान सभा (Kisan Sabha) के महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा की पूरा ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) किसानो की जमीन पर बसा है 16000 हेक्टेयर से अधिक जमीन किसानों ने दी है पुश्तैनी किसानो की पुश्तैनी आबादियों को लीज बैक घोटाला बताकर किसानों का शोषण किया जा रहा है।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसानों की आबादी जहां है जैसी है वैसी ही प्राधिकरण को भी नियमित करनी पड़ेगी। किसी भी कीमत पर शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्राधिकरण को शासन से बात कर शासन द्वारा प्रेषित पत्र को रद्द करना ही पड़ेगा।
आपको बता दें कि 16 सितंबर को किसान सभा के आंदोलन के परिणाम स्वरूप लिखित में हुए समझौते के अनुसार किसानों के सभी मसलों को अक्टूबर महीने की बोर्ड बैठक से पास करना आवश्यक है। ऐसे में किसानों के लीज बैक के प्रकरणों को रद्द करने की खबर आने से किसान गुस्से में हैं।

किसान सभा के सचिव संदीप भाटी ने कहा कि 21 सितंबर 2021 को ग्रेटर नोएडा में दैनिक जागरण के कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी के सामने किसान सभा के अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने लीज बैक के प्रकरणों में एसआईटी जांच के कारण अटके पड़े मामलों को अनुमोदित करने की मांग रखी थी जिसके परिणाम में 1451 मामले शासन ने 23 सितंबर को अनुमोदित कर लीज बैक की अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिए थे, परंतु 533 मामलों और 208 बादलपुर चौगानपुर के मामलों को अभी तक लटकाए रखा था।

बात चीत से न बनेगी बात तो होगा आंदोलन
किसान सभा ने अपने आंदोलन में प्रमुखता से इस मुद्दे को रखा था और इसमें जल्दी ही प्राधिकरण ने अनुमोदन की बात कही थी परंतु अभी पता चला है कि शासन ने प्रेषित अपने पत्र में 237 मामलों को खारिज करने की बात कही है इसको लेकर किसानों में आक्रोश है सोमवार में प्राधिकरण के अधिकारियों से बातचीत होगी ठोस नतीजा नहीं आने पर तुरंत आंदोलन किया जाएगा। कार्यकारिणी की बैठक में मुख्य रूप से गबरी मुखिया, अजब सिंह, सुले यादव, सुशील सुनपुरा, निरंकार प्रधान, दुष्यंत रोजा, अजयपाल भाटी, अशोक आर्य, संदीप भाटी, मोहित नागर, सुशांत भाटी, निशांत रावल, सुरेश यादव, जोगिंदर भाटी, पप्पी भाटी,मोनू मुखिया,संतराम भाटी मोजूद रहे।
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