Noida-ग्रेटर नोएडा के बिल्डर ध्यान दें..योगी सरकार ने बड़ा फरमान ज़ारी कर दिया

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Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि बिल्डरों को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फरमान जारी किया है। नये फरमान के अनुसार पुरानी सोसाइटियों में स्ट्रक्चरल ऑडिट की जरूरत है या नहीं, इसका फैसला प्राधिकरण की नई कमेटी की तरफ से लिया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने डीजीएम सिविल, डीजीएम जल (DGM Water) और डीजीएम जनस्वास्थ्य की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी में अधिकारियों के साथ ही एओए (AoA), बिल्डर, क्रेडाई के सदस्य भी रहेंगे। नोएडा में मार्च 2023 से यूपी की पहली स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी लागू कर दी गई है। इसके लागू होने से आवासीय के साथ ही 15 मीटर से अधिक ऊंची व्यावसायिक टावरों का ऑडिट हो सकेगा।
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1 अप्रैल से ओसी या सीसी मांगने वाले बिल्डर को ऑनलाइन आवेदन के साथ ऑडिट के लिए चयनित पैनल में से किसी एक संस्था से स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट भी प्राप्त कर प्राधिकरण में जमा कराने की व्यवस्था शुरू हो गई है। स्ट्रक्चरल ऑडिट के तहत इमारतों के सुरक्षित होने की रिपोर्ट मिलने के बाद ही आंशिक या पूर्ण अधिभोग प्रमाणपत्र (Certificate of Occupancy) प्राधिकरण की तरफ से जारी हो सकेंगे। जिन मामलों में अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) या 25 प्रतिशत आवंटियों की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की जाएगी, उनमें प्रावधानों के अनुरूप गठित समिति नियम के अनुसार कार्रवाई होगी।

प्राधिकरण स्तर पर गठित समिति यह जांच करेगी कि संबंधित सोसाइटी का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की आवश्यकता है या नहीं अथवा माइनर रिपेयर से भी काम चलाया जा सकता है। जहां पर जल्द ऑडिट कराए जाने की आवश्यकता होगी, वहां के बिल्डर या एओए (अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन) को चयनित संस्थान के पास भेजा जाएगा। वहीं, प्राधिकरण ने ऑडिट कराने के लिए सात एजेंसियों का पैनल का भी चयन कर लिया है।

प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि सेक्टर-93ए सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट और यूटोपिया रेजीडेंट्स, सेक्टर-121 होम्स-121, सेक्टर-52 स्थित अंतरिक्ष, सेक्टर-107 ग्रेट वैल्यू शरणम और सेक्टर-78 स्थित सिक्का कार्मिक सहित आठ सोसाइटी की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग की गई है। इन सोसाइटी की टीम जल्द निरीक्षण करेगी। बता दें कि प्राधिकरण ने पहले ऑडिट के लिए एसीईओ की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी जो अब समाप्त कर दी गई है।

ऑडिट का खर्च एओए को वहन करना होगा

प्राप्त सूचना के अनुसार अधिकांश परियोजनाओं को आंशिक या पूर्ण अधिभोग प्रमाण पत्र (Full Occupancy Certificate) जारी होने को पांच साल बीत चुके हैं या होने वाले हैं, ऐसे में अब ऑडिट का भार एओए पर आएगा। बड़ी बात यह है कि सोसाइटी हैंड ओवर किए जाने के बाद भी बिल्डर ने आईएफएमएस का पैसा सहित अन्य फंड एओए को नहीं दिए हैं।

अधिभोग प्रमाण पत्र जारी

प्राधिकरण ने पहली बार तय एजेंसियों से स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट लेने के बाद चार नई सोसाइटियों को अधिभोग प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। इन सोसाइटी में सेक्टर-108 स्थित पार्क्स लॉरिएट, सेक्टर-107 का क्लियो काउंटी, सेक्टर-43 स्थित गोदरेज और सेक्टर-128 में जेपी विशटाउन की नाइट कोर्ट और शौर्य परियोजनाएं शामिल हैं।

पैनल में ये एजेंसियां

दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली

आईआईटी कानपुर और एमएनआईटी इलाहाबाद

बीआईटीएस पिलानी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एएमयू, अलीगढ़

एमएनआईटी, जयपुर

सीबीआरआई, रुड़की

6 महीनें में करना होगा कमियों को ठीक

समिति द्वारा यह संस्तुति की जाएगी कि शिकायत छोटे डिफेक्ट से संबंधित है तो बिल्डर का यह दायित्व होगा कि तीन महीने में शिकायत का निस्तारण करें। बड़ी कमी या रिट्रो फिटिंग की आवश्यकता है तो एक महीने में मौके पर काम शुरू कराना कराकर छह महीने में पूरा कराना होगा।