Greater Noida News

सांस्कृतिक जुड़ाव से संभव होगा अखंड भारत

Spread the love

Greater Noida: संपर्क विभाग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गौतमबुध नगर द्वारा अखंड भारत संकल्प दिवस के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी का आयोजन जीएल बजाज प्रौद्योगिकी संस्थान के सभागार में किया गया।
ये भी पढ़ेः Greater Noida West: सोसायटी में कुत्तों ने कार मालिक को दे दिया डेढ़ लाख का झटका

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25

कार्यक्रम में वेदपाल जी, सह संपर्क प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मेरठ प्रांत, मुख्य वक्ता रहे। डॉ. राकेश कुमार खांडल, पूर्व कुलपति, उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय व डॉ. आलोक कुमार मिश्रा, संयुक्त सचिव, भारतीय विश्वविद्यालय संघ विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ नितिन अग्रवाल, प्रणेता ब्लिस आयुर्वेद ने की।

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया।

डॉ. राकेश खांडल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत वह राष्ट्र है,जिसमे ऋषि मुनियों की संतानें हम सबकी आत्मा संस्कार से जुड़ी है। इसी कारण रूस, यूक्रेन, इजरायल और फिलिस्तीन जैसे राष्ट्रों से भारतवर्ष के मित्र भाव हैं।

ये भी पढ़ेः Greater Noida वाले ध्यान दें..रेजिडेंशियल-कमर्शियल लीज रेंट से कटेगी जेब

वेदपाल जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में संदेश दिया कि 14अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को जो भारतवर्ष का विभाजन हुआ,तत्पश्चात वीभत्स नरसंहार के साथ स्वतन्त्रता प्राप्त हुई,वह प्रसन्नता के साथ विषाद का भी कारण बना। कुछ वर्ष पश्चात बांग्लादेश अलग हुआ तो मां भारती के तीन सुपुत्रों के मध्य ही कटुता के बीज बोकर 83 लाख वर्ग किलोमीटर से 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल और संसाधन विघटित कर दिए गए। अंग्रेजों ने गण्डांतमक संधि से रूस से जुड़ी सीमा अफगानिस्तान तक पहुंचा दी। विभिन्न कालखंड 1904 -नेपाल, 1906- भूटान,1935 -श्री लंका,1937- बर्मा अलग हुए।

अप्राप्त को प्राप्त करना सरल है,
प्राप्त जो लुप्त हुआ,उसे प्राप्त करना दुष्कर है।

  • महाश्वेता देवी

महर्षि अरविंद ने जिस मां भारती को शाश्वत सत्य माना, उनके विखंडित टुकड़ों को भी सांस्कृतिक रूप से जोड़कर अखंड भारत का संकल्प हमे सार्थक करना ही होगा।

इस गोष्ठी में समाज के विभिन्न वर्गों, कार्यक्षेत्र से विद्वतजन की सहभागिता रही।